वैमानिक क्षेत्र में भारत बन रहा ग्लोबल हब, विदेशी कंपनियों की नजर इंडिगो और एयर इंडिया पर

भारत पर एंबरेयर की नजर
ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एंबरेयर अब भारत को अपने भविष्य के प्रमुख बाजारों में देख रही है। कंपनी का मानना है कि भारत में कमर्शियल, बिजनेस और रक्षा क्षेत्र में विमानों की मांग आने वाले वर्षों में तेज़ी से बढ़ेगी। इसी रणनीति के तहत एंबरेयर ने नई दिल्ली में अपना कॉरपोरेट ऑफिस भी स्थापित किया है।
कमर्शियल बाजार में विस्तार की योजना
एंबरेयर भारत में अपने ई-2 सीरीज के विमानों को उतारने की योजना बना रही है। यह 146 सीटों वाला विमान क्षेत्रीय उड़ानों के लिए उपयुक्त है। कंपनी ने भारत में संभावनाओं को देखते हुए एक अधिग्रहण टीम नियुक्त की है और इसके साथ ही संचार, इंजीनियरिंग, बिक्री और मार्केटिंग के लिए अलग-अलग टीमें भी तैनात की गई हैं। फिलहाल भारत में एंबरेयर के 50 से अधिक विमान संचालित हो रहे हैं जो कमर्शियल, बिजनेस और रक्षा क्षेत्र में सक्रिय हैं। क्षेत्रीय एयरलाइन स्टार एयर इनके विमानों का उपयोग कर रही है।
मेंटिनेंस सुविधा की योजना
कंपनी भारत में एक मेंटिनेंस और सपोर्ट केंद्र स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। हालांकि, यह पहल इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत में कंपनी को कितनी बिक्री हासिल होती है। एंबरेयर मानती है कि यदि स्थानीय स्तर पर मरम्मत और रखरखाव की सुविधा मिलती है, तो इससे ग्राहकों को बेहतर सेवा और कम लागत दोनों मिलेंगी।
रक्षा क्षेत्र में मौजूदगी
रक्षा क्षेत्र में एंबरेयर की पहले से मजबूत मौजूदगी है। भारतीय वायुसेना और अन्य सुरक्षा बलों के पास कंपनी के 600 से ज्यादा लेगेसी एयरक्राफ्ट पहले से मौजूद हैं, जो सरकारी अधिकारियों और वीआईपी मूवमेंट्स के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। हाल ही में एंबरेयर डिफेंस एंड सिक्योरिटी ने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विकसित करने की योजना पर काम कर रही हैं।
वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका
वर्तमान में अमेरिका एंबरेयर का सबसे बड़ा बाजार है, जहां से कंपनी को 2024 में सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ। हालांकि अमेरिका की बदलती व्यापार नीतियों, विशेषकर टैरिफ के मोर्चे पर, कंपनी को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके उलट भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार बन चुका है, जो वैश्विक विमान निर्माताओं के लिए एक बड़ा अवसर बनकर उभरा है।