गुजरात DGP का सख्त निर्देश: 100 घंटे में बताओ, 30 साल में कितने देश-विरोधी मामले दर्ज हुए?
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट और फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के साथ-साथ अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों के आतंकी कनेक्शन की जांच के बाद गुजरात पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने देश-विरोधी तत्वों की जांच के आदेश दिए हैं। सहाय ने गुजरात की सभी पुलिस को पिछले 30 सालों में सामने आए देशविरोधी गतिविधियों के सभी मामलों का डेटा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। सहाय ने पुलिस को इस डेटा की जांच और जमा करने के लिए 100 घंटे का समय दिया है।
गुजरात डीजीपी विकास सहाय का कहना है कि यह आदेश दिल्ली धमाकों के बाद गुजरात एटीएस द्वारा संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी और फिर फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने की घटना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। डीजीपी ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अपनी रिपोर्ट की जाँच करेगी और बताएगी कि जो लोग पहले देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, वे अब क्या कर रहे हैं।
गुजरात ATS ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया
गुजरात पुलिस की ओर से एक्स पर एक वीडियो शेयर किया गया है। इसमें डीजीपी विकास सहाय अपने आदेश के बारे में बता रहे हैं। इसमें कहा गया है, "गुजरात पुलिस ने पिछले 30 वर्षों में देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी आरोपियों की गहन जाँच शुरू कर दी है। पुलिस चौकियों को निर्देश दिए गए हैं कि यह जाँच अगले 100 घंटों के भीतर पूरी कर ली जाए। गुजरात पुलिस देश को देश-विरोधी तत्वों से बचाने के लिए सदैव सतर्क है।"
राइसिन के ढेर में लाशें बिछाने की साजिश
जानकारी के मुताबिक पिछले दो-तीन सालों में गुजरात पुलिस ने ISIS और ISKP से जुड़े मॉड्यूल में कई आतंकियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली ब्लास्ट से पहले गुजरात एटीएस ने चीन से पढ़ाई कर चुके हैदराबाद के एक डॉक्टर समेत तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें खुलासा हुआ था कि ये डॉक्टर देश में केमिकल अटैक करने की तैयारी में थे। इसके लिए ये अरंडी के बीजों से राइसिन नाम का जहर बना रहे थे। पुलिस ने इनके हैदराबाद स्थित घर से हथियार और राइसिन जहर बनाने के उपकरण भी बरामद किए हैं।