गुजरात HC का बड़ा फैसला, पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए पिता की अनुमति जरूरी नहीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जो कई एकल अभिभावकों के लिए राहत भरा साबित होगा। अदालत ने स्पष्ट किया है कि तलाकशुदा माँ अपने बच्चों के पासपोर्ट पिता की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना भी नवीनीकृत करा सकती है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जो कई एकल अभिभावकों के लिए राहत भरा साबित होगा। अदालत ने स्पष्ट किया है कि तलाकशुदा माँ अपने बच्चों के पासपोर्ट पिता की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना भी नवीनीकृत करा सकती है।
क्या था मामला ?
महिला ने अदालत में पेश होते हुए कहा कि उसका मार्च 2022 में तलाक हो गया है और कानूनी समझौते (एमओयू) के अनुसार दोनों बच्चे उसकी कस्टडी में हैं। उसने आगे कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में पिता की एनओसी प्राप्त करना असंभव है और पासपोर्ट के बिना बेटी का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने भी इस याचिका का विरोध नहीं किया। लेकिंन न्यायमूर्ति एल.एस. पीरज़ादा ने पासपोर्ट नियम, 1980 की अनुसूची 2 की धारा 4(3) का हवाला देते हुए कहा कि यदि माता-पिता अलग रह रहे हैं, लेकिन कानूनी रूप से तलाकशुदा नहीं हैं, तो दोनों में से किसी एक की सहमति आवश्यक है। लेकिन इस मामले में, चूँकि तलाक का आदेश पहले ही जारी हो चुका है और बच्चे माँ की कस्टडी में हैं, इसलिए पिता की सहमति अनिवार्य नहीं है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी को आवेदक माँ के एकल माँ के रूप में आवेदन पर विचार करने के बाद एक सप्ताह के भीतर दोनों नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकृत करने का निर्देश दिया जाता है। यह निर्णय न केवल महिला को, बल्कि उन सभी एकल अभिभावकों को राहत प्रदान करता है, जिन्हें तलाक के बाद बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने और उनके दस्तावेज़ बनाने की प्रक्रिया में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।