दिवाली 2025 कब है? धनतेरस से भाई दूज तक की तिथि, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त जानें...

नवरात्री का पवन पर्व बीत चुका है और अब दिवाली का त्योहार बस कुछ ही दिन दूर है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। प्रकाश का यह पाँच दिवसीय उत्सव कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया से शुरू होकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक चलता है। इस पाँच दिवसीय उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। तो आइए जानते हैं इस बार दिवाली कब है और पूजा का मुहूर्त कब है...
दिवाली कब है?
इस पाँच दिवसीय दीपोत्सव में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। हालाँकि, हर साल की तरह इस बार भी दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 21 अक्टूबर को?
पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाएगा और इस बार कार्तिक मास की अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 03.44 बजे से 21 अक्टूबर 2026 को शाम 05.54 बजे तक रहेगी। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा सूर्यास्त के बाद ही की जाएगी। ऐसे में इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का सर्वोत्तम समय शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा। इसी दिन प्रदोष काल शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा की जा सकती है। कई लोग इस दिन लक्ष्मीजी और गणेशजी की मूर्ति भी स्थापित करते हैं।
धनतेरस:
धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर को है और इसी दिन से दिवाली की शुरुआत होती है। इस दिन मुक्तवे में सोना, चांदी या प्रॉपर्टी आदि खरीदी जाती है। इसके अलावा, इस दिन दोपहर 12.18 बजे से 19 अक्टूबर की दोपहर 1.51 बजे तक लक्ष्मीजी और कुबेर देव की पूजा करना महत्वपूर्ण बताया गया है।
काला चौदहवाँ
सोमवार, 20 अक्टूबर को काली चौदस है। इस दिन को लोग रूप चौदस या छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन तिल और तेल लगाकर स्नान करने की परंपरा है।
लक्ष्मी पूजा:
दिवाली सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन शाम के समय घर-आँगन में दीप जलाकर रोशनी की जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा:
गोर्वधन पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है।
साला:
भाई-बहन का त्यौहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम और पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहन भाई की रक्षा करती है और भाई को तिलक लगाती है।