'अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद नहीं रोका तो उसे मिटा देंगे': सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी

सूरत, 3 अक्टूबर: पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाए गए संयम को नहीं अपनाएगा और अगर पड़ोसी देश सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता है तो पाकिस्तान को मिटा देगा।
"अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद नहीं रोका तो हम उसे धरती से मिटा देंगे। तैयार रहो, ईश्वर की इच्छा रही तो अवसर जल्द ही आएगा," सेना प्रमुख ने श्रीगंगानगर के घड़साना के गाँव 22 एमडी स्थित सेना छावनी में सैनिकों को संबोधित करते हुए घोषणा की।
उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ हमारी अगली प्रतिक्रिया निर्णायक और कहीं अधिक विनाशकारी होगी।’’
सेना प्रमुख ने कहा कि यदि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपना अस्तित्व बनाए रखना चाहता है तो उसे आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति छोड़नी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार भारत इतनी कड़ी कार्रवाई करेगा कि पाकिस्तान को इस बात पर पुनर्विचार करना पड़ेगा कि वह इस भौगोलिक मानचित्र पर बना रहना चाहता है या नहीं।’’
ऑपरेशन सिंदूर को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताते हुए जनरल द्विवेदी ने याद दिलाया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा, "भारतीय सेना ने अभियान के दौरान नौ पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया और 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए। सात ठिकानों को सेना ने और दो को वायुसेना ने नष्ट किया।"
सेना प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नामित और महिलाओं को समर्पित यह ऑपरेशन सशस्त्र बलों की स्मृति में अंकित रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर हमारे जीवन का इतना अभिन्न अंग बन गया है कि यह हमेशा हमारे साथ रहेगा।’’
सेना प्रमुख ने कहा कि पूरी दुनिया ने पहलगाम हमले की निंदा की है और भारत के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा, "हमने दुनिया को नष्ट किए गए आतंकी शिविरों के स्पष्ट सबूत दिखाए। अगर हमने ऐसा नहीं किया होता, तो पाकिस्तान सच्चाई छिपा लेता।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस बार भारत पूरी तरह तैयार था।
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका के लिए तीन अधिकारियों को सम्मानित भी किया, जिनमें कमांडेंट प्रभाकर सिंह, 140वीं बटालियन, बीएसएफ, मेजर रितेश कुमार, राजपुताना राइफल्स और हवलदार मोहित गेरा शामिल थे।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ये लोग भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’ उन्होंने सैनिकों से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।